अंगूठे में दर्द से शुरू होती है ये बीमारी, ना करें नज़रअंदाज़

48 साल के रमेश मुंबई के सबअर्बन एरिया में रहते हैं। रोज़ाना 2 घंटे लोकल में सफ़र करके वे दफ्तर जाते हैं। हफ्ते में छह दिन काम और रविवार को परिवार के साथ वक्त बिताना ही उनका रुटीन है। हर रविवार की दोपहर उनकी पत्नी चिकन या मछली बनातीं और वे उसे खाकर आम दिनों की तुलना में जल्दी ही सो जाते। पिछले दिनों सोमवार को सुबह 4 बजे उनको दर्द महसूस हुआ। दर्द इतना बढ़ गया कि उन्हें सुबह-सुबह ही डॉक्टर को फ़ोन लगाना पड़ गया।

सुबह 7 बजे तक रमेश को बुखार आ गया। उनकी पैर की अंगुलियां लाल होकर सूज गई थीं, अंगुलियां गर्म भी थीं। रमेश को लग रहा था कि उंगलियों में शायद फ्रैक्चर हो गया है। डॉक्टर ने उन्हें गोलियां देकर तीन दिन तक बेड रेस्ट की सलाह दी। उनके फैमिली डॉक्टर ने लक्षणों के आधार पर ‘गाउट’ बीमारी की पहचान की।

गाउट भी आर्थराइटिस का ही एक प्रकार है। इसमें भी जोड़ों में सूजन और दर्द होता है। शुरुआती कुछ महीनों या सालों में आमतौर पर सिर्फ एक जोड़, वो भी पैर के अंगूठे ही प्रभावित होते हैं। इसमें दर्द और सूजन रहती है। गाउट आमतौर पर महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा होता है। पुरुष 35 से 45 साल की उम्र में इससे प्रभावित होते हैं, तो महिलाएं अधिकांशत: 55 साल की उम्र में। 65 साल से अधिक उम्र के लोगों मेें इसकी आशंका सर्वाधिक होती है।

यूरिक एसिड बढ़ना सही नहीं

रक्त में यूरिक एसिड बढ़ने से गाउट आर्थराइटिस की आशंका ज्यादा होती है। कुछ खाद्य पदार्थ जिनमें प्यूरीन नामक प्रोटीन होता है, उन्हें खाने के बाद लिवर इस प्रोटीन को तोड़कर शरीर को ऊर्जा देता है। इस प्रोटीन से ही यूरिक एसिड बनता है। लेकिन कई बार जब यूरिक एसिड सामान्य स्तर से अधिक बढ़ जाता है, तो यह क्रिस्टल के रूप में रक्त से होते हुए जोड़ों में जमा हो जाता है और दर्द व सूजन का कारण बनता है।

रात में शुरू होता है गाउट का दर्द

जैसे रमेश को दर्द शुरू हुआ, ठीक इसी तरह गाउट का दर्द रात में शुरू होता है। शुरू में पैर का अंगूठा या घुटना, एंकल भी दर्द कर सकते हैं। इन जोड़ों में कुछ ही घंटों के अंदर सूजन शुरू हो जाती है। रात के समय होने वाले दर्द में शुरू-शुरू में एक ही जोड़ प्रभावित होता है। शुरुआत में दर्द बहुत ज़्यादा रहता है। इस दौरान चलने-फिरने में भी दिक्कत होती है। बाद में दर्द कम भी हो जाता है।

जोड़ों या अंगूठे में भरे हुए फ्लूड की जांच से गाउट का पता चलता है। फ्लूड में यूरिक एसिड्स के क्रिस्टल्स का पता लगाया जाता है। गाउट में रक्त में यूरिक एसिड की बढ़ी हुई मात्रा 6 मिलीग्राम प्रति डेक्टराइन (0.06 kg / m3) होती है। कई बार ब्लड शुगर भी ज्यादा होती है। बढ़े हुए यूरिक एसिड के साथ बीपी और शुगर भी बढ़ जाती है। इसलिए दाएं हाथ में ब्लड प्रेशर भी चैक किया जाता है।

क्या है इसका इलाज

नॉन स्टीयोराइड एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग जैसे Naprosyn, Diclofenac, Indomethacin, Etoricoxib दर्द के साथ सूजन कम करती हैं। हालांकि किडनी और लिवर से जुड़ी किसी भी तरह की बीमारी से ग्रसित लोगों और किसी भी तरह की रक्त संबंधी परेशानियों से ग्रसित लोगों के लिए ये दवाइयां असुरक्षित हैं। Colchicine टैबलेट नॉन स्टीयोराइड एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग के विकल्प के रूप में ली जा सकती है, लेकिन इससे बेचैनी, उल्टी या डायरिया भी हो सकता है।

जिन लोगों को बार-बार गाउट की शिकायत होती है, उनके लिए ऐसी दवाएं लिखी जाती हैं, जो रक्त में यूरिक एसिड का स्तर कम रखें। Allopurinol दवा 50 साल की उम्र के बाद ली जाती है। यह यूरिक एसिड का स्तर 5 से भी कम रखती है। जिन लोगों को किडनी संबंधी दिक्कत है, उन्हें febuxostat दी जाती है।

नोट : दवाइयां डॉक्टर्स की सलाह के बाद ही लेनी चाहिए।