क्या भगवत गीता के अनुसार अंडा खाना पाप है? जानें असली सच

दोस्तों बहुत से लोग अंडे, मांस, मछली और मीट वगेरा खाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि हिन्दू धर्म में इन चीजों के सेवन को सख्त मना किया गया है। बहुत से लोग ये नहीं जानते होंगे कि हिन्दू धर्म और भगवद गीता के अनुसरा अंडा खाना सही है या गलत । इसी लिए आज हम आपको बताएंगे कि अंडा खाना पाप है या नहीं।

सबसे पहले आपको बता दें हिन्दू धर्म के लोगों को अंडे और मांस का सेवन कभी नहीं करना चाहिए। क्योकि भगवान श्री कृष्ण ने भगवद गीता में कहा था कि यदि हिन्दू धर्म का कोई भी व्यक्ति अपनी भूख के लिए या फिर ताकत को बढ़ाने के लिए किसी दूसरे जानवर के मांस को खाता है तो उस व्यक्ति से बड़ा महापापी और कोई नहीं हो सकता।

भगवद गीता के अनुसार हिन्दू धर्म में ऐसी चीजों का सेवन करने वाले व्यक्ति को उसकी मौत के बाद इन पापों का दंड जरूर मिलेगा। लेकिन ऐसे में कुछ लोगों का कहना है कि अंडा शाकाहारी होता है और कुछ लोग मानते हैं कि अंडा मासाहारी होता है। यही सोच कर बहुत से लोग अंडे का सेवन करते हैं।

लेकिन आपको बता दें कि अंडा शाकाहारी ही होता है। और हिन्दू धर्म में अंडे को खाने से बहुत बड़ा पाप लगता है। क्योकि भगवान श्री कृष्ण के अनुसार मुर्गी अंडे से ही बच्चे को जन्म देती है और जब कोई उस अंडे को खा लेता है तो बच्चे को खा लेता है जो बहुत बड़ा पाप है। इसकी पूरी जानकारी के लिए निचे दी गयी वीडियो देखें….

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