क्या अपने कभी सोचा है कि आखिर इंसान के मरने के बाद क्या होता है? जैसे कि आप जानते होंगे जब इंसान की उम्र 30 से 35 साल होती है तो उसे अपने शरीर में कुछ गड़बड़ नज़र आने लगती है। डाक्टरों के अनुसार इंसान के शरीर में हर दस साल बाद हड्डियों का द्रव्यमान घटता है।
इसी के चलते 40 से 80 साल की उम्र के बीच में इंसान के शरीर की 40 फीसदी मांसपेशियां गल जाती हैं। और जो बाकि मांसपेशियां बचती हैं वो भी कमजोर होती जाती हैं। विज्ञान का कहना है कि इंसानी शरीर बिलकुल एक मशीन की तरह काम करता है और उस मशीन के बंद होने की आखिरी प्रक्रिया मौत है। आइए जानते हैं इंसान मरता क्यों है और इसकी प्रक्रिया क्या है?
- जब किसी को मौत आती है तो सबसे पहले शरीर काबू में नहीं रहता।
- दिमाग बिलकुल काम करना बंद कर देता है जिसके कारण इंसान सांस भी नहीं ले पाता।
- जब सांस बंद हो जाए तो कुछ ही समय बाद दिल भी काम करना बंद कर देता है।
- दिल की धड़कन के बंद होने के करीब 4 से 6 मिनट बाद दिमाग ऑक्सीजन न मिलने पर छटपटाने लगता है।
- ऑक्सीजन के आभाव से मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं और मरते शख्स के शरीर में जब ये प्रकिया होने लगे तो मेडिकल
- साइंस की ज़ुबान में इसे प्वाइंट ऑफ नो रिटर्न या नेचुरल डेथ कहते हैं।
- जब इंसान की मौत हो जाती है तो हर घंटे शरीर का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस कम होने लगता है।
- खून जमने लगता है और शरीर अकड़ जाता है।
- मौत के 24 घंटे तक शरीर में कुछ ज़िंदा रहता है तो वह होती है त्वचा की कोशिकाएं और आंत में मौजूद बैक्टीरिया।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, शरीर को स्वस्थ रखकर इसके खतरे को लंबे समय तक टाला जा सकता है। अच्छा खना, अच्छी नींद, पर्याप्त पानी पीना, व्यायाम शरीर को लंबे समय तक चलाने में काम आ सकता है।